tag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post7785227304101384308..comments2024-03-08T12:04:03.292+05:30Comments on jmathur_swayamprabha: सुनील और कर्नल मुखर्जी की जुगलबंदी जितेन्द्र माथुरhttp://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comBlogger57125tag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-67802289425807791262021-06-21T12:44:56.544+05:302021-06-21T12:44:56.544+05:30शिवानी, अमृता और ओशो को मैंने भी पढ़ा है जेन्नी जी।...शिवानी, अमृता और ओशो को मैंने भी पढ़ा है जेन्नी जी। सभी श्रेणियों के साहित्यों में अच्छी पुस्तकें मिल ही जाती हैं यदि हमारे पास पारखी दृष्टि है। वैसे वह ज़माना गुज़र चुका है, यह सही है। और यह भी ठीक कहा आपने कि उस ज़माने में ऐसी पुस्तकें वस्तुतः एक ही बैठक में पूरी पढ़ ली जाती थीं। बहुत-बहुत शुक्रिया आपका।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-90769259045454261632021-06-21T12:41:56.125+05:302021-06-21T12:41:56.125+05:30मैं आपके ब्लॉग पर अवश्य आऊंगा आदरणीय रोहितास जी। स...मैं आपके ब्लॉग पर अवश्य आऊंगा आदरणीय रोहितास जी। सुरेन्द्र मोहन पाठक और चेतन भगत का कोई मुक़ाबला नहीं। पाठक साहब के कुछ चुनिंदा उत्कृष्ट उपन्यास पढ़ने का प्रयास कीजिएगा। जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-78694827130625530542021-06-21T12:37:50.832+05:302021-06-21T12:37:50.832+05:30इनके कुछ उपन्यास पढी थी. लेकिन जैसे ही शिवानी, अमृ...इनके कुछ उपन्यास पढी थी. लेकिन जैसे ही शिवानी, अमृता और ओशो को पढ़ने का चस्का लगा, ऐसी सभी पुस्तकें छूट गईं. छात्र जीवन में जब नया नया पढ़ना शुरू किया था तो एक बैठक में ऐसी जासूसी किताब ख़त्म कर जाती थी. आपके पोस्ट से गुज़रा ज़माना याद आ गया. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-53977357587189862122021-06-21T07:47:56.962+05:302021-06-21T07:47:56.962+05:30सच कहूँ तो मैंने पाठक साहब को नहीं पढ़ा. उपन्यास के...सच कहूँ तो मैंने पाठक साहब को नहीं पढ़ा. उपन्यास के नाम पर चेतन भगत २-४ उपन्यास पढ़ें हैं.अब लगता है जैसे पाठक साहब को पढना पड़ेगा. बहुत बेहतरीन और रोचक ठंग से जानकारी दी आपने.<br /> मैंने ऐसे विषय पर; जो आज की जरूरत है एक नया ब्लॉग बनाया है. कृपया आप एक बार जरुर आयें. ब्लॉग का लिंक यहाँ साँझा कर रहा हूँ-<br /><a href="https://natureliteratureandview.blogspot.com/2021/06/blog-post.html" rel="Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-59895202976320309562021-06-20T17:35:59.351+05:302021-06-20T17:35:59.351+05:30बहुत-बहुत आभार आदरणीय विश्वमोहन जी।बहुत-बहुत आभार आदरणीय विश्वमोहन जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-77551299144280347962021-06-20T17:35:42.040+05:302021-06-20T17:35:42.040+05:30हृदय से आपका आभार माननीया कुसुम जी।हृदय से आपका आभार माननीया कुसुम जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-16744277399074225342021-06-19T22:34:22.884+05:302021-06-19T22:34:22.884+05:30बहुत रोचक आलेख!!बहुत रोचक आलेख!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-80373527877863790682021-06-19T16:05:02.873+05:302021-06-19T16:05:02.873+05:30रोचक! और जानकारी से भरपूर पोस्ट,वैसे तो उपन्यास पढ...रोचक! और जानकारी से भरपूर पोस्ट,वैसे तो उपन्यास पढ़ने छूट गये, पर फिर रुचि जागृत हो जाती है आपके लेखों को पढ़ कर।<br />गहन शोध कर एक विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हैं आप ।<br />सुंदर सार्थक।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-73295822422317409352021-06-18T09:25:10.760+05:302021-06-18T09:25:10.760+05:30हृदय से आपका आभार अलकनंदा जी। हृदय से आपका आभार अलकनंदा जी। जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-11707400706155793132021-06-17T14:55:27.697+05:302021-06-17T14:55:27.697+05:30महत्वपूर्ण जानकारी और उपन्यासों की इस अद्भुत दुन...महत्वपूर्ण जानकारी और उपन्यासों की इस अद्भुत दुनिया में जाने को "प्रोत्साहन" देने के लिए धन्यवाद माथुर साहब--- अब इन्हें लग कर जबतक पढ़ नहीं लूं तब तक मन शांत ना होगा Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-43358218474107867302021-06-17T10:07:40.261+05:302021-06-17T10:07:40.261+05:30हार्दिक आभार आदरणीया मीना जी।हार्दिक आभार आदरणीया मीना जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-86663818504696021142021-06-17T09:38:04.549+05:302021-06-17T09:38:04.549+05:30बहुत सारे उपन्यासों का जिक्र किया है आपने इस पोस्ट...बहुत सारे उपन्यासों का जिक्र किया है आपने इस पोस्ट में ..मिलेंगे तो जरूर पढ़ना चाहूंगी । आभार जितेन्द्र जी इस लेख के माध्यम से जानकारी को साझा करने के लिए । Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-69030607413817418632021-06-16T13:25:24.460+05:302021-06-16T13:25:24.460+05:30हार्दिक आभार आलोक जी।हार्दिक आभार आलोक जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-47145131092646404522021-06-16T10:48:39.032+05:302021-06-16T10:48:39.032+05:30बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय लेखबहुत बहुत सुन्दर सराहनीय लेखआलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-41338144525610147272021-05-30T01:38:11.723+05:302021-05-30T01:38:11.723+05:30जी हां आदरणीय दिगम्बर जी। सचमुच उस पीढ़ी के पाठकों...जी हां आदरणीय दिगम्बर जी। सचमुच उस पीढ़ी के पाठकों के लिए वह नशे सरीखा ही था। मैं भी उस नशे से दो-चार हुआ हूं। उपन्यास तो बेमिसाल होते ही थे। हार्दिक आभार आपका।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-14965590590184186002021-05-29T22:22:58.484+05:302021-05-29T22:22:58.484+05:30एक नशा था रहता था इनके नावल का ...
न जाने कितने ही...एक नशा था रहता था इनके नावल का ...<br />न जाने कितने ही पढ़े होंगे ... और सब बेमिसाल होते थे ... <br />अच्छी जानकारी दी है आपने ... रोचक ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-76143728458125455962021-05-29T15:43:29.841+05:302021-05-29T15:43:29.841+05:30बहुतबहुत शुक्रिया।बहुतबहुत शुक्रिया।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-34737994149155207722021-05-29T13:48:47.975+05:302021-05-29T13:48:47.975+05:30सरल , सहज भाषा में बहुत ही रोचक प्रस्तुति है आपकी ...सरल , सहज भाषा में बहुत ही रोचक प्रस्तुति है आपकी । वैसा ही आनन्द आया जैसा कभी इन उपन्यासों को पढ़कर आता था ।<br />हार्दिक बधाई!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-38608909039480655602021-05-29T08:49:25.469+05:302021-05-29T08:49:25.469+05:30Please click on the labels given at the end of thi...Please click on the labels given at the end of this post. जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-67241446258060227482021-05-27T21:43:55.650+05:302021-05-27T21:43:55.650+05:30Plese upload some novel reviewPlese upload some novel reviewShubhamhttps://www.blogger.com/profile/00977895363596947040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-16748413102294151362021-05-27T10:56:43.250+05:302021-05-27T10:56:43.250+05:30बहुत-बहुत धन्यवाद मनोज जी।बहुत-बहुत धन्यवाद मनोज जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-36373627164213903652021-05-26T17:58:54.372+05:302021-05-26T17:58:54.372+05:30बहुत ही रोचक लेखबहुत ही रोचक लेखMANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13656162462576727173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-40833723083580134112021-05-25T20:41:30.456+05:302021-05-25T20:41:30.456+05:30हार्दिक आभार आदरणीया जिज्ञासा जी।हार्दिक आभार आदरणीया जिज्ञासा जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-31978802308477983082021-05-25T12:55:57.326+05:302021-05-25T12:55:57.326+05:30बहुत ही रोचक जानकारी देता सार्थक लेख जितेन्द्र जी,...बहुत ही रोचक जानकारी देता सार्थक लेख जितेन्द्र जी,रेणु जी ने सच कहा कि मीना जी के तरीके से उन्होंने उपन्यास पढ़े,मैने भी बचपन में छिपकर हो पढ़ा,अब आपको पढ़कर फिर से रुचि बढ़ रही है उन्हीं उपन्यासों को पढ़ने की । आपको मेरी शुभकामनाएं ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-64054685906894919262021-05-24T04:30:12.975+05:302021-05-24T04:30:12.975+05:30अरे सुधा जी। जीवन के इस दौर में भी क्या आपको छुपकर...अरे सुधा जी। जीवन के इस दौर में भी क्या आपको छुपकर पढ़ना होगा? आपका आगमन मेरे लेखन हेतु सदा ही उत्साहवर्धक होता है। हृदयतल से आपका कृतज्ञता-ज्ञापन करता हूं।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.com