tag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post7042403118912857446..comments2024-03-08T12:04:03.292+05:30Comments on jmathur_swayamprabha: ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है . . . जितेन्द्र माथुरhttp://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-63187897035677883072021-08-12T09:24:17.885+05:302021-08-12T09:24:17.885+05:30शुक्रिया आलोक जी।शुक्रिया आलोक जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-71580757531606260982021-08-11T19:56:16.477+05:302021-08-11T19:56:16.477+05:30गुरु दत्त जी की मैंने कई फिल्म देखी है |वह बहुत जल...गुरु दत्त जी की मैंने कई फिल्म देखी है |वह बहुत जल्दी दुनियां से चले गए | बहुत सुन्दर अच्छा लेख |आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-89295837735569171762021-07-24T09:56:06.541+05:302021-07-24T09:56:06.541+05:30बिलकुल सही कहा विकास जी आपने। यह संतुलन गुरु दत्त ...बिलकुल सही कहा विकास जी आपने। यह संतुलन गुरु दत्त ने भी अपने जीवन में बनाकर रखा था। उन्होंने भी बहुत-सा कार्य विशुद्ध रूप से धनार्जन के लिए अपरिहार्यतः किया ताकि श्रेष्ठ कार्य हेतु संसाधन जुटा सकें। बहुत-बहुत शुक्रिया आपका।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-83947897315187325922021-07-23T14:33:31.302+05:302021-07-23T14:33:31.302+05:30हमेशा की तरह ही यह लेख दिल को छू गया। आपने सही कहा...हमेशा की तरह ही यह लेख दिल को छू गया। आपने सही कहा क्लासिक और कैश कभी कभार ही मिलते हैं। यही कारण है कि मुझे नसीरुद्दीन शाह जी की यह फिलोसफी अच्छी लगती है कि कुछ कार्य पैसों के लिए करिए ताकि अच्छा काम बिना पैसे लिए भी कर सकें। यह संतुलन जिंदगी में होना जरूरी है। विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-24391196199168040262021-07-22T13:39:06.810+05:302021-07-22T13:39:06.810+05:30शुक्रिया वीरेन्द्र सिंह जी। इतने दिनों बाद आपको दे...शुक्रिया वीरेन्द्र सिंह जी। इतने दिनों बाद आपको देखकर मुझे भी बहुत अच्छा लगा। जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-78761215118401151972021-07-22T11:55:26.914+05:302021-07-22T11:55:26.914+05:30हमेशा की तरह जानदार और शानदार प्रस्तुति। आपको बहुत...हमेशा की तरह जानदार और शानदार प्रस्तुति। आपको बहुत-बहुत बधाई। गुरुदत्त के बारे मेंं थोड़ा सा जानकर बहुत अच्छा लगा। माथुर साहब बधाई आपको।Vocal Babahttps://www.blogger.com/profile/02214260420282752358noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-82952603786461490002021-07-17T01:25:17.126+05:302021-07-17T01:25:17.126+05:30बहुतबहुत आभार आदरणीया सुधा जी। गुरु दत्त को इस बात...बहुतबहुत आभार आदरणीया सुधा जी। गुरु दत्त को इस बात से ज़्यादा शिकायत थी कि इस दुनिया में काबिलियत के साथसाथ प्यार की भी क़द्र नहीं है, उन्हें शिकायत थी समाज के उस ढांचे से जो इंसान से उसकी इंसानियत छीन लेता है।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-54065330139221621472021-07-17T01:10:11.167+05:302021-07-17T01:10:11.167+05:30बहुतबहुत शुक्रिया आदरणीय दिगम्बर जी। सच कहा आपने। ...बहुतबहुत शुक्रिया आदरणीय दिगम्बर जी। सच कहा आपने। वे अद्वितीय ही थे और हैं।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-69093977354837077682021-07-16T18:19:59.124+05:302021-07-16T18:19:59.124+05:30बाज़ार तथा धनार्जन का अपना दर्शन होता है । मामूली च...बाज़ार तथा धनार्जन का अपना दर्शन होता है । मामूली चीज़ें बहुत-सा पैसा कमा सकती हैं जबकि बेहतरीन चीज़ों को, हो सकता है कि कोई पूछने वाला ही न मिले । <br />एकदम सटीक....। <br />हर एक जिस्म घायल, हर एक रूह प्यासी; निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी <br />ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है <br />जिस दुनिया में किसी की काबिलियत की कद्र नहीं उस दुनिया से ये निराशा ये शिकायत Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-38905285711563661362021-07-15T18:32:58.494+05:302021-07-15T18:32:58.494+05:30गुरु दत्त के ऊपर लिखे इस आलेख के लिए आपको बहुत बहु...गुरु दत्त के ऊपर लिखे इस आलेख के लिए आपको बहुत बहुत बधाई ... इसके माध्यम से आपने जैसे जिया है गुरु दत्त साहब को ... मेरे भी बहुत पसंदीदा नायक रहे हैं ... आज तक वो भी अपने आप में एक ही हैं ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-26680840590285107692021-07-13T09:52:12.380+05:302021-07-13T09:52:12.380+05:30किसी गुणी व्यक्ति के व्यक्तित्व की गहराई में उतरकर...किसी गुणी व्यक्ति के व्यक्तित्व की गहराई में उतरकर उसके विलक्षण गुणों को सम्मान देना वास्तव में सरल नहीं होता है आदरणीया श्वेता जी। सच ही कहा आपने। हृदय से आभारी हूँ आपका।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-59955515139253172532021-07-13T06:58:57.268+05:302021-07-13T06:58:57.268+05:30बेहद भावपूर्ण लेख,
व्यक्तित्व के गहराई में उतरकर ...बेहद भावपूर्ण लेख, <br />व्यक्तित्व के गहराई में उतरकर व्यक्ति के विलक्षण गुणों को सम्मान देना इतना सरल भी नहीं होता है। चित्रपट जगत के ऐसा बहुमूल्य हीरा,कला के प्रति समर्पित साधनारत कलाकार जिसका मूल्य उसके जाने के बाद लोगों ने जाना।<br /><br />शोधपरक लेख के लिए आभार।<br />प्रणाम सर<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-21628037234706944362021-07-12T15:01:31.753+05:302021-07-12T15:01:31.753+05:30हृदयतल से आपका आभार आदरणीया कामिनी जी।हृदयतल से आपका आभार आदरणीया कामिनी जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-76236962478953719722021-07-12T14:08:58.213+05:302021-07-12T14:08:58.213+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्...सादर नमस्कार , <br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलमंगलवार (13-7-21) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "प्रेम में डूबी स्त्री"(चर्चा अंक 4124)</a> पर भी होगी।<br /> आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी। <br /> -- <br />कामिनी सिन्हा <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-69875276540696169302021-07-11T07:23:50.612+05:302021-07-11T07:23:50.612+05:30हार्दिक आभार माननीया जिज्ञासा जी। गुरु दत्त असाधार...हार्दिक आभार माननीया जिज्ञासा जी। गुरु दत्त असाधारण अभिनेता ही नहीं, असाधारण निर्देशक भी थे। हिन्दी सिनेमा की कुछ कालजयी कृतियां उनकी ही परिकल्पना से साकार हुईं।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-35217143293158682312021-07-11T07:21:08.205+05:302021-07-11T07:21:08.205+05:30बहुत-बहुत आभार माननीया मीना जी।बहुत-बहुत आभार माननीया मीना जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-6750026266380978352021-07-10T22:06:58.915+05:302021-07-10T22:06:58.915+05:30बहुत ही सारगर्भित और मार्मिक लेख,एक शानदार अभिनेता...बहुत ही सारगर्भित और मार्मिक लेख,एक शानदार अभिनेता का समय निधन,आज भी जब कभी स्मृतियों में गुरुदत्त जी आते है,तो उनके अभिनयशिल्प के कायल हुए बिना रह पाते उनके प्रशंसक, मुझे और मेरे घर में सभी उनकी अभिनय कला के दीवाने थे और आज भी हैं, क्योंकि उनका स्थान लेना किसी अभिनेता के वश में नहीं। आपको मेरा सादर अभिवादन।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-81405742688559069922021-07-10T21:06:25.263+05:302021-07-10T21:06:25.263+05:30आपके ब्लॉगर मित्र निशांत सिंह जी ने बहुत सही कहा क...आपके ब्लॉगर मित्र निशांत सिंह जी ने बहुत सही कहा कि "दुनिया जीनियस को इसलिए दंडित करती है क्योंकि वो उसकी समझ से परे होता है । और शायद यही एक जीनियस की दुखदायी विडम्बना है कि वो दुनिया के और दुनियादारी के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता, दूसरी ओर दुनियादारी में डूबी दुनिया न उसे समझ पाती है और न ही उसकी प्रतिभा के साथ न्याय कर पाती है ।" मर्मस्पर्शी सृजन जितेन्द्र जी ।<br /> Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-78580215389403622642021-07-10T13:27:59.353+05:302021-07-10T13:27:59.353+05:30बहुत-बहुत शुक्रिया कामिनी जी। आपने ठीक कहा कि हमार...बहुत-बहुत शुक्रिया कामिनी जी। आपने ठीक कहा कि हमारी नाक़दरी कई बार अनमोल चीज़ें छीन लेती है। ऐसा बहुत बार देखा गया है कि जीनियस दुनिया को बहुत कुछ दे सकता (या दे सकती) है लेकिन दुनिया (उसके जीते जी) उसकी क़ाबिलियत की क़दर ही नहीं करती।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-68960949123354447602021-07-10T12:51:47.546+05:302021-07-10T12:51:47.546+05:30गुरुदत्त जी जैसे शख्सियत बार-बार नहीं आते हमारी ना...गुरुदत्त जी जैसे शख्सियत बार-बार नहीं आते हमारी ना-कादरी कई बार हमसे अनमोल चीज़े छीन लेती है। गुरुदत्त जी के बारे भी यही कह सकते हैं। आपकी समीक्षात्मक शैली लाजबाब है। गुरुदत्त जी के बारे में जानते तो सब थे मगर फिर भी आपका लिखा पढ़ने में आनंद आया। गीत चतुर्वेदी जी के 'वैतागवाड़ी" ब्लॉग पर मैं भी अवश्य जाऊँगी। फिल्मे और फ़िल्मी दुनिया मेरा भी पसंदीदा विषय है। सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-64080108629355858152021-07-10T12:05:27.749+05:302021-07-10T12:05:27.749+05:30जी ज्योति जी। हार्दिक आभार आपका।जी ज्योति जी। हार्दिक आभार आपका।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-69310604515362616492021-07-10T11:56:26.879+05:302021-07-10T11:56:26.879+05:30किसी प्रतिभा का असमय जाना देश,समाज तथा उस कार्यक्ष...किसी प्रतिभा का असमय जाना देश,समाज तथा उस कार्यक्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति होता है। गुरूदत्त जी के मामले में यह बिल्कुल सही है। भावनाओ से ओतप्रोत बहुत सुंदर रचना,जितेंद्र भाई।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-66810250473125597872021-07-10T08:47:37.159+05:302021-07-10T08:47:37.159+05:30बहुत-बहुत शुक्रिया मनीषा जी।बहुत-बहुत शुक्रिया मनीषा जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-59483730787245389352021-07-10T08:26:09.903+05:302021-07-10T08:26:09.903+05:30हर एक जिस्म घायल, हर एक रूह प्यासी; निगाहों में उल...हर एक जिस्म घायल, हर एक रूह प्यासी; निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी <br />ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है <br /><br />यहाँ इक खिलौना है इंसां की हस्ती, ये बस्ती है मुरदापरस्तों की बस्ती <br />यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है <br /><br />ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है; वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है <br />जहाँ प्यार की Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7323308728701000721.post-80347092502467180762021-07-10T04:12:22.826+05:302021-07-10T04:12:22.826+05:30हृदय की गहनता से आपका आभार आदरणीया रेणु जी। आपने ज...हृदय की गहनता से आपका आभार आदरणीया रेणु जी। आपने जो कहा, सच है और सच ही रहेगा।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.com